डॉक्टोरल कार्यशाला (7-8 दिसंबर, 2022)
डॉक्टोरल कार्यशाला का उद्देश्य प्रबंधन विषय में दुनिया भर से डॉक्टोरल उम्मीदवारों को एक साथ आगे लाना है, ताकि वे अपने डॉक्टोरल कार्य को प्रसिद्ध वरिष्ठ शिक्षाविदों के समक्ष प्रस्तुत एवं चर्चा कर सकें और आगे के प्रकाशन के लिए उनका सहयोग प्राप्त कर सकें। इसके मुख्य उद्देश्य हैं:
- आईटी, ओबी/एचआर, निर्णय विज्ञान, मार्केटिंग, अर्थशास्त्र, वित्त, संधारणीयता, परिचालन और आपूर्ति श्रृंखला जैसे विभिन्न प्रबंधन विषयों और व्यावसायिक गतिविधियों में दिलचस्प और प्रासंगिक शोध समस्याओं की पहचान करना;
- चुने गए शोधपत्रों के डॉक्टरोल उम्मीदवारों और संबंधित क्षेत्रों के अग्रणी शिक्षाविदों के बीच विचारों के आदान-प्रदान को सुगम बनाना, ताकि वे संभावित प्रकाशन के लिए अपने शोधपत्र में सुधार कर सकें;
- डॉक्टरेट उम्मीदवारों को उनके क्षेत्र के विशेषज्ञ संकाय सलाहकारों/समीक्षकों के माध्यम से बहुत केंद्रित और व्यापक सुझाव प्रदान करना, ताकि वे अपने शोध पत्रों को आगे बढ़ा सकें;
- भारतीय और अंतरराष्ट्रीय प्रबंधन स्कूलों के बीच अनुसंधान सहयोग को बढ़ावा देना;
- वैचारिक, गुणात्मक, अनुभवजन्य या विश्लेषणात्मक पत्रों के माध्यम से प्रबंधन अनुसंधान में अत्याधुनिक क्षमता का प्रदर्शन करना।
केंद्र बिंदु
यह कार्यशाला प्रबंधन के व्यापक क्षेत्रों जैसे विपणन, मानव संसाधन, कार्यनीति, सूचना प्रौद्योगिकी, वित्त, परिचालन, निर्णय विज्ञान में नवीन योगदान पर केंद्रित होगी।
पेपर जमा करने के दिशानिर्देश
इस कार्यशाला में प्रबंधन विषय में डॉक्टरेट करने वाले ऐसे छात्र शामिल हो सकते हैं जिन्होंने अपना कोर्स पूरा कर लिया है और अपने संबंधित क्षेत्र में शोध शुरू कर दिया है। हम भारतीय और विदेशी विद्वानों को अपने क्षेत्र के शीर्ष शोधकर्ताओं से संपूर्ण प्रतिक्रिया प्राप्त करने हेतु अपने शोध कार्य प्रस्तुत करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। प्रस्तुतियों और फॉलो-अप चर्चाओं के आधार पर पीएचडी शिक्षार्थी अपने शोध कार्य के प्रकाशन और भविष्य के विकास के लिए संभावित सहयोग प्राप्त कर सकते हैं।
डॉक्टरेट उम्मीदवारों के लिए ये अभिलेख पेश करना आवश्यक है:
- मान्य विश्वविद्यालय/संस्थान पहचान पत्र
- थीसिस सलाहकार से एक पत्र जिसमें थीसिस प्रस्ताव की स्थिति का उल्लेख हो (केवल वे लोग जिन्होंने अपने थीसिस प्रस्ताव प्रस्तुत किए हों)
- एपीए दिशा-निर्देशों के आधार पर एक विस्तृत सारांश (2500-5000 शब्दों के बीच)। फॉन्ट का प्रकार टाइम्स न्यू रोमन, फॉन्ट का आकार - 12, दो पंक्ति के बीच अंतराल – 1.5 और चारों ओर 1-इंच (2.5 सेमी) का मार्जिन होना चाहिए।
विस्तारित सारांश में शोध समस्या और उसके महत्व, शोध के उद्देश्य, साहित्य समीक्षा और शोध की आवश्यकता का संक्षिप्त सारांश, कार्यप्रणाली, सिद्धांत और व्यवहार में अपेक्षित योगदान, प्रारंभिक निष्कर्ष (यदि लागू हो), और प्रमुख संदर्भों की रूपरेखा दी जानी चाहिए।
पंजीकरण शुल्क
भारतीय छात्र: INR 2000 | विदेशी छात्र: 100 अमेरिकी डॉलर |